भारत का सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल
आज की दुनिया में जहां भू-राजनीतिक तनाव तेजी से बढ़ सकते हैं, भारत अब केवल सैन्य शक्ति पर नहीं, बल्कि आम नागरिकों की तैयारी और जागरूकता पर भी ध्यान दे रहा है। इसी दिशा में एक बड़ा कदम है — 7 मई 2025, बुधवार को होने वाला देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल।
यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा नागरिक सुरक्षा अभ्यास है, और इसका मकसद सिर्फ व्यवस्था की जांच नहीं, बल्कि आम लोगों को आपात स्थितियों से निपटने के लिए सक्षम बनाना है।
यह मॉक ड्रिल क्यों हो रही है?
इस अभ्यास की पृष्ठभूमि में है 22 अप्रैल को कश्मीर में हुआ आतंकी हमला, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। दोनों देशों ने मिसाइल परीक्षण और सीमा पर गोलीबारी जैसी कार्रवाइयाँ की हैं।
ऐसे में भारत सरकार ने निर्णय लिया कि सिर्फ फौज को ही नहीं, बल्कि हर नागरिक को सतर्क और तैयार रहना चाहिए — और यह मॉक ड्रिल उसी का एक हिस्सा है।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
यह कोई सामान्य अभ्यास नहीं है। इसमें वास्तविक संकट जैसी स्थितियाँ बनाई जाएंगी, ताकि सबको प्रशिक्षित और जागरूक किया जा सके।
अभ्यास के प्रमुख हिस्से:
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एयर रेड सायरन बजाए जाएंगे
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ब्लैकआउट ड्रिल – रात को सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी
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इवैक्यूएशन प्लान्स – सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का अभ्यास
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स्कूलों और कॉलेजों में प्रशिक्षण
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महत्वपूर्ण संस्थानों को छिपाना (कैमोफ्लाज)
इसका उद्देश्य डर पैदा करना नहीं, बल्कि जानकारी और आत्मविश्वास देना है।
यह ड्रिल किन जगहों पर होगी?
हालांकि सुरक्षा कारणों से पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन यह मॉक ड्रिल 7 मुख्य राज्यों में आयोजित की जाएगी – खासकर सीमावर्ती और रणनीतिक क्षेत्रों में।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगी। आम जनता से अनुरोध है कि वे सहयोग करें और निर्देशों का पालन करें।
सरकार का क्या कहना है?
पर्ल कपूर, जो इस पहल के प्रमोटर हैं, ने कहा:
“जब बाकी ऐप्स खाना और किराना पहुंचा रहे हैं, हम बुद्धिमत्ता और ज्ञान पहुंचा रहे हैं।”
गृह मंत्रालय ने भी इस बात को स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास घबराहट में नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच के तहत किया जा रहा है, ताकि भारत हर स्थिति से निपटने को तैयार रहे।
इसका महत्व क्या है?
आज के समय में खतरे सिर्फ प्राकृतिक नहीं हैं — वे आतंकवाद, साइबर अटैक और मिसाइल हमलों के रूप में भी सामने आते हैं। ऐसे में आम नागरिकों को तैयार करना उतना ही ज़रूरी है जितना कि सेना को।
यह मॉक ड्रिल यही संदेश देती है:
"हर नागरिक भी देश की सुरक्षा की एक अहम कड़ी है।"
किन लोगों को सतर्क रहना चाहिए?
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छात्रों – स्कूलों में ड्रिल होगी, गंभीरता से लें
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ऑफिस कर्मचारी – ब्लैकआउट या इवैक्यूएशन अभ्यास हो सकता है
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परिवार – बच्चों को सिखाएं कि सायरन का क्या मतलब होता है
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वरिष्ठ नागरिक – इमरजेंसी में संपर्क नंबर और स्थान याद रखें
कैसे रहें अपडेट?
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अपने जिले के प्रशासन की वेबसाइट देखें
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NDMA या राज्य आपदा प्रबंधन सेल के अलर्ट ऑन रखें
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स्थानीय RWA या वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
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घर में छोटा इमरजेंसी किट तैयार रखें – टॉर्च, पानी, दवाइयां, दस्तावेज़ आदि
भारत के लिए एक नई दिशा
यह मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं — यह एक संकेत है कि भारत अब सिर्फ रक्षा नहीं, बल्कि बुद्धिमान और समावेशी सुरक्षा मॉडल की ओर बढ़ रहा है।
छात्रों, पेशेवरों और आम नागरिकों के लिए यह एक मौका है कि वे सीखें, समझें और खुद को तैयार रखें।
अंत में
जब आप कल वह सायरन सुनें, तो घबराएं नहीं। याद रखें — यह एक अभ्यास है।
और यह अभ्यास दर्शाता है कि भारत जागरूक है, तैयार है — और आप भी उसका एक अहम हिस्सा हैं।
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